Friday, March 12, 2010

Narayan Das Ji Mharaj Tirveni Dham

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Guru Dav Ko Baram Bar Pranam

Jai Jai Siya Ram Ji
Ram Ram





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Vinod Kumar Sharma
+91-9785022587


Saturday, March 6, 2010

ANGIRA KHUDANIYA

This is Jaipur

जयपुर (गुलाबी नगर)

जयपुर जिला

प्रदेश के ह्रदय स्‍थल में अवस्थित जयपुर जिला राजस्‍थान की राजधानी है। गुलाबी नगरी के नाम से विश्‍व विख्‍यात जयपुर अपने अद्वितीय नगर नियोजन,सम़द्व ऐतिहासिक एवं सांस्‍क़तिक धरोहर के कारण देशी विदेशी पर्यटको के आकर्षण का केन्‍द्र रहा है। जयपुर के संस्‍थापक सवाई जयसिंह ने तत्‍कालीन सीमित साधनों के बावजूद विश्‍व के अनेक विख्‍यात नगरों के मानचित्रों का अध्‍ययन करने के बाद ज्‍योतिष एवं वास्‍तु सम्‍मत बातों को महत्‍व देते हुए इस नगर की स्‍थापना। की ऐतिहासिक भव्‍य राजमहलों, आकर्षक बाजारों, रमणीय एवं सुर्दशन मंदिरों से अलंक़त यह शहर आज भी दुनियाभर के पर्यटकों को आक़ष्‍ट करता है। सवाई जयसिंह ने लगभग 2 लाख की आबादी को बसाने के लिये इस शहर की परिकल्‍पना की थी। शांत, सुव्‍यवस्थित एवं गुणीजनो के इस शहर की आबादी निरंतर बढती गयी और वर्ष 2001 की गणना के अनुसार यहां की आबादी 52 लाख 51 हजार 71 हो चुकी है।

इतिहास

जयपुर शहर की स्‍थापना कछवाह वंश के शासक महाराजा सवाई जयसिंह द्वितिय ने 18 नवम्‍बर, 1727 को अरावली पर्वत मालाओ की तलहटी में की एवं आमेर बजाय इसे नगर की अपनी राजधानी बनाया। सवाई जयसिंह ने विश्‍व के सुंदरतम शहर की परिकल्‍पना की और इसे साकार करने का दायित्‍व अपने मुख्‍य वास्‍तुकार श्री विघाधर भट़टाचार्य को सौपा स्‍थापत्‍य कला के उपलब्‍ध समस्‍त नमूनों का विस्‍तार से अध्‍ययन कर श्री विघाधर ने एक अनूठे नगर का नियोजन किया इस चतुर्भजाकार शहर को नौ चौकडियों में विभाजित किया। नगर के चारो ओर सात प्रवेश द्वार बनाये गये इनमें चांदपोल, अजमेरी गेट, सांगानेरी गेट, घाटगेट, सूरजपोल गेट, चारदरवाजा, जोरावरसिंह गेट आज भी शहर के जन जीवन के साक्षी बने हुए है। विभ्न्नि व्‍यवसायो को अलग अलग चौकडियों में व्‍य‍वस्थ्ति रूप से बसाया गया। सवाई जयसिंह ने जयपुर को कलाओं के क्षेत्रो में अग्रणी बनाने के लिये अनेक कलाकारों और विशेषज्ञो को विभिन्‍न स्‍थानो से लाकर उन्‍हें जयपुर में बसाया और राज्‍याश्रय प्रदान किया। इससे यह शहर शिल्‍पकला, चित्राकारी, मीनाकारी, जवाहरात, पीतल की नक्‍काशी, हस्‍त निर्मित कागज,रत्‍नाभूषण, ब्‍ल्‍यू पोटी तथा छीपाकला आदि सभी कलाओं में उत्‍क़ृष्‍टता अर्जित कर सका। प्रिंस आफ वैल्‍स के सन् 1876 में जयपुर आगमन के समय शहर को एक रूपता प्रदान करने के लिये गुलाबी रंग से रंगा एवं इसके बाद से यह शहर विश्‍व में ''गुलाबी नगरी'' के नाम से विख्‍यात हुआ। स्‍वतंत्राता के बाद रियासतों का एकीकरण हुआ एवं जयपुर को प्रदेश की राजधानी बनने का गौरव प्राप्‍त हुआ।

भौगोलिक स्थिति

क्षेत्रफल 11117.8 वर्ग किमी.

समुद्र तल से उंचाई 431 मीटर

जलवायु 45 अधिकतम 25 न्‍यूनतम ( ग्रीष्‍म ऋतु )

22 अधिकतम 05 न्‍यूनतम ( शरद ऋतु )

भाषाऐं:हिन्‍दी, अंग्रेजी, राजस्‍थानी

दर्शनीय स्‍थल

सिटी पैलेस जन्‍तर मन्‍तर हवामहल गोविन्‍द देव जी का मंदिर

ईसरलाट रामनिवास बाग बिडला तारामण्‍डल गलताजी

लक्ष्‍मी नारायण मंदिर आमेर का किला सिसोदिया रानी का बाग जयगढ का किला

मो‍तीडूंगरी गणेश जी मंदिर अल्‍बर्ट हाल म्‍यूजियम